D
Decoding Hinduism
Guest
दुर्लभ प्राचीन विचित्र वीर दुर्लभ प्राचीन विचित्र वीर हनुमान यंत्र दर्शन करने मात्र से ही सारे संकट मिट जाते हे।
ॐ नमो भगवते विचित्रवीर हनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रताप वज्रदेहाय अजनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीर दैत्य - दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह प्रेतपिशाचग्रह शाकिनीग्रह डीकिनीग्रह काकिनीग्रह कामिनीग्रह ब्रह्मग्रह ब्रह्मराक्षसग्रह चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छ आगच्छ आवेशयावेशय मम ह्रदय प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्य कथय कथय व्याघमुख बन्धय बन्धय सर्पमुख बन्धय बन्धय राजमुख बन्धय बन्धय सभामुख बन्धय बन्धय शत्रुमुख बन्धय बन्धय सर्व मुख बन्धय बन्धय लकाप्रसादभजन [ अमुक ] मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वान आकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून भस्मी करू करू स्वाहा ॥ ॐ ह्रां ह्रीं हूँ हैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्व शत्रून् भस्मी कुरू कुरू हन हन हुं फट् स्वाहा ॥
जय जय श्री राम जय जय श्री वीर हनुमान दर्शन करने मात्र से ही सारे संकट मिट जाते हे।
ॐ नमो भगवते विचित्रवीर हनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रताप वज्रदेहाय अजनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीर दैत्य - दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह प्रेतपिशाचग्रह शाकिनीग्रह डीकिनीग्रह काकिनीग्रह कामिनीग्रह ब्रह्मग्रह ब्रह्मराक्षसग्रह चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छ आगच्छ आवेशयावेशय मम ह्रदय प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्य कथय कथय व्याघमुख बन्धय बन्धय सर्पमुख बन्धय बन्धय राजमुख बन्धय बन्धय सभामुख बन्धय बन्धय शत्रुमुख बन्धय बन्धय सर्व मुख बन्धय बन्धय लकाप्रसादभजन [ अमुक ] मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वान आकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून भस्मी करू करू स्वाहा ॥ ॐ ह्रां ह्रीं हूँ हैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्व शत्रून् भस्मी कुरू कुरू हन हन हुं फट् स्वाहा ॥
जय जय श्री राम जय जय श्री वीर हनुमान
Continue reading...
ॐ नमो भगवते विचित्रवीर हनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रताप वज्रदेहाय अजनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीर दैत्य - दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह प्रेतपिशाचग्रह शाकिनीग्रह डीकिनीग्रह काकिनीग्रह कामिनीग्रह ब्रह्मग्रह ब्रह्मराक्षसग्रह चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छ आगच्छ आवेशयावेशय मम ह्रदय प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्य कथय कथय व्याघमुख बन्धय बन्धय सर्पमुख बन्धय बन्धय राजमुख बन्धय बन्धय सभामुख बन्धय बन्धय शत्रुमुख बन्धय बन्धय सर्व मुख बन्धय बन्धय लकाप्रसादभजन [ अमुक ] मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वान आकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून भस्मी करू करू स्वाहा ॥ ॐ ह्रां ह्रीं हूँ हैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्व शत्रून् भस्मी कुरू कुरू हन हन हुं फट् स्वाहा ॥
जय जय श्री राम जय जय श्री वीर हनुमान दर्शन करने मात्र से ही सारे संकट मिट जाते हे।
ॐ नमो भगवते विचित्रवीर हनुमते प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रताप वज्रदेहाय अजनीगर्भसम्भूताय प्रकटविक्रमवीर दैत्य - दानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय भूतग्रह प्रेतपिशाचग्रह शाकिनीग्रह डीकिनीग्रह काकिनीग्रह कामिनीग्रह ब्रह्मग्रह ब्रह्मराक्षसग्रह चोरग्रहबन्धनाय एहि एहि आगच्छ आगच्छ आवेशयावेशय मम ह्रदय प्रवेशय प्रवेशय स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर सत्य कथय कथय व्याघमुख बन्धय बन्धय सर्पमुख बन्धय बन्धय राजमुख बन्धय बन्धय सभामुख बन्धय बन्धय शत्रुमुख बन्धय बन्धय सर्व मुख बन्धय बन्धय लकाप्रसादभजन [ अमुक ] मे वशमानय वशमानय श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वान आकर्षय आकर्षय शत्रून् मर्दय मर्दय मारय मारय चूर्णय चूर्णय खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु मम शत्रून भस्मी करू करू स्वाहा ॥ ॐ ह्रां ह्रीं हूँ हैं ह्रौं ह्रः फट् श्रीविचित्रवीरहनुमते मम सर्व शत्रून् भस्मी कुरू कुरू हन हन हुं फट् स्वाहा ॥
जय जय श्री राम जय जय श्री वीर हनुमान
Continue reading...