नमस्ते जी

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Mahender Pal Arya

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नमस्ते जी
पण्डित महेन्द्रपाल आर्य के मार्गदर्शन से प्रवृत वैदिक मिशनरी की कक्षा में आए हुए आदरणीय सिकन्दर जी के साथ वैदिक सिद्धान्तो पर विचार विमर्श के पश्चात ऋषिकृत अमर सत्यार्थ प्रकाश ग्रन्थ भेंट करते हुए।
इस कार्य में आर्य मगन लाल दीवानी जी का सारा योगदान तन मन धन का है लोगों को जोड़ना भले ही मेरा काम है परन्तु उन लोगों को साहित्य देना अपने वैदिक विचारों से प्रभावित करना उन्हें अपने सानिध्य में पकड़ कर रखना यही तो सबसे बड़ा काम है जिसे आर्य जी अंजाम दे रहे हैं | आज मुंबई की 1875 में बनी आर्य समाज और उनके सदस्यों के द्वारा यह काम मुंबई की किसी भी आर्य समाज में नहीं हो रहा है जिसे आर्य मगनलाल दीवानी जी कर रहे हैं = परमात्मा उन्हें और शक्ति दे यही विनती है ईश से |

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