मनुस्मृति का जलाने वाला अग्निवेश आर्यसमाज के कैसे ?

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Mahender Pal Arya

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मनुस्मृति का जलाने वाला अग्निवेश आर्यसमाज के कैसे ?
ऋषि दयानन्द जी के विचारों की हत्या करने वाले अग्निवेश आर्यसमाज के कैसे ? मेरा सवाल उन लोगों से है जो लोग अग्निवेश को आर्य समाजी कहकर लिख रहे हैं दिखा रहे हैं, वह लोग ईमानदारी से बताएं की आर्य समाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द जी के विचारों से अग्निवेश सहमत थे क्या ?
ऋषि दयानन्द जी ने वेद के बाद अगर किसी ग्रन्थ का नाम लिया तो वह मनुस्मृति को बताया मैं मनुस्मृति को मानता हूँ |
इसी मनुस्मृति का जलाने वाला अग्निवेश को आर्यसमाज से जोड़ना दयानन्द जी की हत्या नहीं है | कारण इसी मनुस्मृति का जलाने वाला यही अग्निवेश हैं | जिन्हों ने आर्य समाज को स्वाहा स्वाहा एंड कम्पनी कहते रहे, फिर यह आर्य समाजी आर्य समाज के कैसे थे ?
हरिजनों को आर्यसमाज में न लाकर शबाना आज़मी को साथ लिए नाथ द्वारा मन्दिर जाना आर्यसमाज का काम था या ऋषि दयानंद की मान्यता ? ऋषि दयानन्द जी ने लिखा धर्म मानव मात्र का एक ही होता है या मानव मात्र का धर्म एक है |
अग्निवेश जमियते उलामाये हिन्द के अधिकारी इस्लाम के जाने माने आलिमों को लेकर सर्वधर्म चेतना रैली निकाल कर भारत के कई प्रान्तों से होकर दयानन्द जी के जन्मस्थली टंकारा ले गये, गाय का मांस खाकर इस्लाम के मानने वालों इनके साथ थे | इन्हें ले कर जाने वाले अग्निवेश क्या दयानन्द के अनुयाई थे ?
ऋषि दयानन्द जी ने सःशिक्षा को निषेध बताया,अग्निवेश जिसका समर्थन करते रहे फिर भी यह आर्य समाजी कहलायेंगे ? जो अग्निवेश स्वर्णमन्दिर जाकर बोला सत्यार्थ प्रकाश से गुरु जी पर दयानन्द जी ने जो लिखा है उसे हम हटा देंगे | उसी समय आर्य समाज के विद्वानों ने इसका विरोध किया | इस कार्य में फेल हो जाने पर दो मुसलमानों को साथ लेकर दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट में सत्यार्थ प्रकाश पर प्रतिवंध लगाने के लिए केस दायर किया | जिसका मैं जीता जगता शाक्षी हूँ, इसके बाद भी वह आर्य समाज के थे ?
समलैंगिकता का समर्थन ऋषि दयानंद जी की मान्यता है ? जिसका समर्थन अग्निवेश करता रहा ? राममन्दिर का विरोधी राष्ट्रवाद का विरोध करने वाला आर्य समाज का कैसा हो सकता है ? जिस राष्ट्रवाद का मन्त्र ऋषि दयानन्द जीने आर्यसमाज बनाकर किया जिससे अंग्रेज भी थर्राये द्यानंदियों के प्रचार प्रसार को देख अंग्रेजों ने लोभी और लालची भारतीओं को लेकर कांग्रेस की स्थापना की |
जो अग्निवेश खुलकर इस्लामी मँच पर इस्लाम को धर्म और कुरान को धर्म ग्रन्थ होने का प्रचार मरते दम तक करते रहे, जिस ऋषि दयानंद ने इस्लाम कोई धर्म नहीं है, और कुरान कोई धार्मिक ग्रन्थ नहीं है कहा, सिर्फ कहा नहीं इसे सिद्ध कर दिखाया |
कश्मीरी अलगाव वादियों के साथ उनके समर्थन में जो खाडा है वह आर्यसमाज के कैसे ? अनेक प्रमाण मेरे पास है मैंने 55 लेख लिखा था, जब इन्हों ने सार्वदेशिक सभापर अवैध कब्ज़ा किया उनदिनों, मैं ऋषि सिधान्त रक्षणीसभा का मन्त्री और ऋषि सिधान्त रक्षक पत्रिका का संपादक था | अग्निवेश का आर्य समाजी न होने का प्रमाण जब से मैं आर्यसमाज में आया उस समय से अब तक का अनेक प्रमाण मेरे दिमाग में है मेरे पास है |
मुझे अफ़सोस है की ऐसे एक ऋषि विचारों के गलाघोटने वाले को आर्य समाज के साथ जोड़कर लोग प्रचार कर रहे हैं | आर्य जनों को यह बातें याद रखनी चाहिए की अग्निवेश तो गया किन्तु आर्यसमाज के अन्दर जहर घोलकर गया | मुझे खूब याद है इन्ही अग्निवेश को सार्वदेशिक सभा ने कई बार आर्य समाज से वहिष्कार, या निष्काषित किया था इनके समर्थकों को भी |
क्या कारण था इन्हें आर्यसमाज से वहिष्कार करने का, यह जब कोलकाता से हरियाणा पहुंचे और फिर स्वामी इन्द्रवेश जी से मिले सन्यास लिया अपनी इच्छा पूर्ति के लिए आर्य समाज में फुट डालकर ही राजनीति में आये | लम्बी कहानी है, सार्वदेशिक में कब्ज़ा करने के बाद न जाने कितने तो मुसलमानों को सदस्य बनादिया | और अपना समर्थक अर्यावेश बनाकर बिठ्ठल राव जैसे लोगों को बिठाकर गया है |
अग्निवेश की जो गतिविधि मैं बताया हूँ इस राष्ट्र विरोधी विचारों का विरोध इन लोगों ने नहीं किया | अग्निवेश मर गये तो क्या हुवा वह अग्निवेश विचारों को सार्वदेशिक सभा में बिठाकर गये |
शायद मेरी बात बहुतों को अच्छी न लगे, कारण लोगों को सत्य सुनना पसंद नहीं है, उन लोगों के लिए प्रार्थना है की ऋषि दयानन्द जी ने आर्यसमाज के नियम में ही लिखा है सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए |
इसी प्रार्थना के साथ महेन्द्रपाल आर्य = 13 /9 /21 =

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